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Unit Test (Solutions): मेरा बचपन | Hindi Class 5 वीणा - New NCERT PDF Download

समय: 1 घंटा
पूर्णांक: 30
निर्देश: सभी प्रश्नों का प्रयास करें।

  • प्रश्न संख्या 1 से 5 तक 1 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
  • प्रश्न संख्या 6 से 8 तक 2 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
  • प्रश्न संख्या 9 से 11 तक 3 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
  • प्रश्न संख्या 12 और 13 प्रत्येक 5 अंकों का प्रश्न है।

प्रश्न 1: प्रेमचंद का जन्म कहाँ हुआ था? (1 अंक)
(i) लखनऊ
(ii) लमही (वाराणसी)
(iii) कानपुर
(iv) आगरा
उत्तर:
(ii)
प्रेमचंद का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी के निकट लमही गाँव में हुआ था।

प्रश्न 2: प्रेमचंद का उपनाम क्या था? (1 अंक)
(i) नवाब राय
(ii) सनेही
(iii) त्रिशूल
(iv) राष्ट्रीय
उत्तर:
(i)
प्रेमचंद का उपनाम 'नवाब राय' था।

प्रश्न 3: कहानी "मेरा बचपन" में लेखक को सबसे अधिक आनंद किस खेल में आता था? (1 अंक)
(i) क्रिकेट
(ii) कबड्डी
(iii) गुल्ली-डंडा
(iv) खो-खो
उत्तर:
(iii)
कहानी में लेखक को गुल्ली-डंडा खेलने में सबसे अधिक आनंद आता था।

प्रश्न 4: लेखक के अनुसार गुल्ली-डंडा खेलने के लिए क्या आवश्यक नहीं है? (1 अंक)
(i) महँगा सामान
(ii) दोस्त
(iii) उत्साह
(iv) टहनी
उत्तर:
(i)
लेखक के अनुसार, गुल्ली-डंडा खेलने के लिए महँगे सामान की आवश्यकता नहीं है।

प्रश्न 5: कहानी में लेखक को रामलीला देखने में क्या आकर्षित करता था? (1 अंक)
(i) पात्रों की सजावट
(ii) गाने
(iii) नृत्य
(iv) भोजन
उत्तर:
(i)
कहानी में लेखक को रामलीला में पात्रों की सजावट आकर्षित करती थी।

प्रश्न 6: लेखक अपने बचपन में किसके साथ पढ़ने जाते थे? (2 अंक)
उत्तर:
लेखक अपने बचपन में अपने चचेरे भाई हलधर के साथ मौलवी साहब के पास पढ़ने जाते थे। उस समय लेखक की उम्र आठ वर्ष थी, और हलधर उनसे दो साल बड़े थे।

प्रश्न 7: कहानी में गुल्ली-डंडा को सभी खेलों का राजा क्यों कहा गया है? (2 अंक)
उत्तर:
गुल्ली-डंडा को सभी खेलों का राजा कहा गया है क्योंकि इसे खेलने के लिए न तो महँगे सामान की जरूरत होती है, न ही किसी खास मैदान या कोर्ट की। यह खेल सस्ता, सरल और सभी बच्चों को एक साथ लाने वाला है, जिसमें अमीर-गरीब का कोई भेद नहीं होता।

प्रश्न 8: लेखक ने विदेशी खेलों की तुलना में भारतीय खेलों को क्यों बेहतर बताया है? (2 अंक)
उत्तर:
लेखक ने विदेशी खेलों की तुलना में भारतीय खेलों को बेहतर बताया है क्योंकि विदेशी खेलों में बहुत खर्च होता है और वे अमीरों तक सीमित रहते हैं, जबकि भारतीय खेल जैसे गुल्ली-डंडा सस्ते, सरल और सभी के लिए सुलभ हैं। इनमें सादगी और भाईचारा होता है।

प्रश्न 9: कहानी में बचपन की सादगी और मस्ती को लेखक ने कैसे दर्शाया है? (3 अंक)
उत्तर:
कहानी में लेखक ने बचपन की सादगी और मस्ती को बहुत ही जीवंत ढंग से दर्शाया है। वे बताते हैं कि उनका बचपन कच्चे घर में बीता, जहाँ वे नंगे पाँव खेतों में घूमते और आम के पेड़ों पर चढ़ते थे। गुल्ली-डंडा खेलते समय अमीर-गरीब का कोई भेद नहीं था, और सभी बच्चे मिलकर हँसते-खेलते थे। रामलीला के छोटे-मोटे कामों में उत्साह और खेल में मस्ती उनकी सादगी को दर्शाती है।

प्रश्न 10: लेखक ने गुल्ली-डंडा के खतरों के बावजूद इसे क्यों पसंद किया? (3 अंक)
उत्तर:
लेखक ने गुल्ली-डंडा के खतरों, जैसे आँख फूटने या चोट लगने, के बावजूद इसे पसंद किया क्योंकि यह खेल उन्हें सबसे अधिक आनंद देता था। यह सस्ता और सरल था, और इसमें दोस्तों के साथ मस्ती, उत्साह और भाईचारा था। लेखक मानते हैं कि इस खेल की मिठास मिठाइयों और तमाशों से भी अधिक थी, और यह उनके बचपन की सबसे प्यारी याद थी।

प्रश्न 11: कहानी में रामलीला के प्रति लेखक के उत्साह को कैसे दर्शाया गया है? (3 अंक)
उत्तर:
कहानी में लेखक का रामलीला के प्रति उत्साह बहुत जीवंत ढंग से दर्शाया गया है। वे बताते हैं कि उनके घर के पास ही रामलीला का मैदान था, और दोपहर से ही पात्रों की सजावट शुरू हो जाती थी। लेखक छोटे-मोटे कामों में उत्साहपूर्वक हिस्सा लेते थे, और उन्हें सजावट देखने में बहुत आनंद आता था। वे कहते हैं कि उस समय का उत्साह आज पेंशन लेने में भी नहीं मिलता।

प्रश्न 12: कहानी "मेरा बचपन" का मुख्य संदेश विस्तार से समझाएँ। (5 अंक)
उत्तर:
कहानी "मेरा बचपन" का मुख्य संदेश बचपन की सादगी, मस्ती और भारतीय खेलों की महत्ता को उजागर करना है। प्रेमचंद अपने बचपन की यादों के माध्यम से बताते हैं कि वह समय कितना सरल और आनंदमय था, जब बच्चे बिना किसी अमीरी-गरीबी के भेद के गुल्ली-डंडा जैसे खेल खेलते थे। यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें अपने देशी खेलों और परंपराओं को महत्व देना चाहिए, क्योंकि उनमें अपनापन और भाईचारा है। लेखक विदेशी खेलों की चमक-दमक की तुलना में भारतीय खेलों की सादगी और मज़े को बेहतर मानते हैं। साथ ही, यह कहानी बचपन की उन अनमोल यादों को संजोने की प्रेरणा देती है, जो हमें जीवनभर खुशी और प्रेरणा देती हैं।

प्रश्न 13: कहानी में गुल्ली-डंडा खेल के महत्व को किन-किन तत्वों के माध्यम से दर्शाया गया है? विस्तार से वर्णन करें। (5 अंक)
उत्तर: कहानी में गुल्ली-डंडा खेल के महत्व को निम्नलिखित तत्वों के माध्यम से दर्शाया गया है:

  • सादगी और सुलभता: गुल्ली-डंडा के लिए न तो महँगे सामान की जरूरत होती है, न ही किसी खास मैदान की। बस पेड़ की टहनी से गुल्ली और डंडा बनाकर खेल शुरू हो जाता है।
  • भाईचारा और समानता: यह खेल अमीर-गरीब के भेद को मिटाता है। सभी बच्चे मिलकर उत्साह से खेलते हैं, और इसमें कोई दिखावा या घमंड नहीं होता।
  • आनंद और मस्ती: लेखक कहते हैं कि गुल्ली-डंडा में मिठाइयों से अधिक मिठास और तमाशों से अधिक आनंद है। यह खेल बच्चों को मस्ती और खुशी देता है।
  • भारतीय संस्कृति का प्रतीक: लेखक गुल्ली-डंडा को भारतीय खेलों का राजा मानते हैं और इसे विदेशी खेलों से बेहतर बताते हैं, जो महँगे और सीमित हैं।
  • यादों का हिस्सा: लेखक के लिए यह खेल बचपन की सबसे प्यारी याद है, जो आज भी उन्हें खेलने के लिए प्रेरित करती है। ये तत्व मिलकर गुल्ली-डंडा को न केवल एक खेल, बल्कि बचपन की सादगी, मस्ती और भारतीय संस्कृति का प्रतीक बनाते हैं।
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FAQs on Unit Test (Solutions): मेरा बचपन - Hindi Class 5 वीणा - New NCERT

1. 'मेरा बचपन' लेख में बचपन की यादें किस प्रकार प्रस्तुत की गई हैं ?
Ans. 'मेरा बचपन' लेख में लेखक ने अपने बचपन की यादों को बहुत ही भावनात्मक और जीवंत रूप से प्रस्तुत किया है। उन्होंने अपने खेल, दोस्तों, और परिवार के साथ बिताए गए समय को याद किया है। लेख में बचपन की मासूमियत और खुशियों को दर्शाने के लिए कई कहानियाँ और घटनाएँ साझा की गई हैं, जो पाठकों को अपने बचपन की याद दिलाती हैं।
2. 'मेरा बचपन' लेख से हमें क्या सीखने को मिलता है ?
Ans. 'मेरा बचपन' लेख से हमें यह सीखने को मिलता है कि बचपन का समय जीवन का सबसे सुंदर और सरल चरण होता है। इसमें मासूमियत, खुशियाँ और बिना किसी चिंता के जीने का आनंद होता है। लेख यह भी बताता है कि हमें अपने बचपन की यादों को संजोकर रखना चाहिए और जीवन के इस अनमोल दौर को सराहना चाहिए।
3. लेख में लेखक के बचपन के कौन से खास अनुभवों का उल्लेख किया गया है ?
Ans. लेख में लेखक ने अपने बचपन के कई खास अनुभवों का उल्लेख किया है, जैसे कि दोस्तों के साथ खेलना, त्योहारों का जश्न मनाना, और परिवार के साथ बिताए गए समय की यादें। उन्होंने अपने गाँव की संस्कृति और परंपराओं के बारे में भी लिखा है, जो उनके बचपन का अभिन्न हिस्सा थी।
4. 'मेरा बचपन' लेख का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
Ans. 'मेरा बचपन' लेख का मुख्य उद्देश्य पाठकों को बचपन की खुशियों और मासूमियत की याद दिलाना है। लेखक यह बताना चाहते हैं कि बचपन के अनुभवों का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है और ये यादें हमें जीवनभर खुश रखने में मदद करती हैं। इसके माध्यम से लेखक ने बचपन के महत्व को भी उजागर किया है।
5. क्या 'मेरा बचपन' लेख में किसी विशेष स्थान या संस्कृति का वर्णन किया गया है ?
Ans. हाँ, 'मेरा बचपन' लेख में लेखक ने अपने गाँव और वहाँ की संस्कृति का वर्णन किया है। उन्होंने गाँव के जीवन, वहाँ की परंपराओं, त्योहारों और खेलों के बारे में लिखा है। यह वर्णन न केवल उनके बचपन की यादों को जीवित करता है, बल्कि पाठकों को भी गाँव के जीवन की सरलता और खूबसूरती का अनुभव कराता है।
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